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देवयज्ञ अग्निहोत्र
ओ३म् “देवयज्ञ अग्निहोत्र का करना मनुष्य का पुनीत सर्वहितकारी कर्तव्य” ========== मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मननशील होने से ही दो पाये प्राणी की मनुष्य संज्ञा है। मननशीलता का गुण जीवात्मा के चेतन होने से मनुष्य रूपी प्राणी को प्राप्त हुआ है। जड़ पदार्थों को सुख व दुख तथा शीत व ग्रीष्म का ज्ञान …